NSG मेंबरशिप: चीन ने फिर किया भारत का विरोध, कहा पहले NPT पर करें साइन
चीन बीते कुछ समय से भारत के कई मामलों में अड़ंगा डालता रहा है। न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की एंट्री चीन के विरोध के चलते ही नहीं हो पाई थी। (NSG) में भारत की मेंबरशिप को लेकर फिर सख्त रुख अपनाया है। चीन ने कहा- हमारे स्टैंड में कोई बदलाव नहीं आया है। चीन के मुताबिक, एनएसजी में भारत की एंट्री तभी हो सकती है, जब एनपीटी (नॉन-प्रोलिफिरेशन ट्रीटी) देशों को लेकर रूल्स को तय किए जाएंं। या भारत इस पर साइन करे। बता दें कि एनएसजी की मीटिंग शुक्रवार को वियना में होनी है।चीन ने कहा- हम ऐसा समाधान चाहेंगे, जो सभी नॉन- एनपीटी देशों पर लागू हो।
भारत और पाकिस्तान दोनों ने एनएसजी की सदस्यता पाने के लिए आवेदन किया है और दोनों ने ही एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। लेकिन, अधिकारियों का कहना है कि एनएसजी का ध्यान अब भारत को शामिल करने के तौर तरीकों पर केंद्रित हो गया है क्योंकि समूह के ज्यादातर देश पाकिस्तान के विपरीत परमाणु अप्रसार के मामले में भारत के रिकॉर्ड को कहीं ज्यादा सकारात्मक मानते हैं।
चीनी फॉरेन मिनिस्ट्री के प्रवक्ता लु कांग ने कहा कि " विएना में शुक्रवार को एनएसजी की मीटिंग होगी। भारत की मेंबरशिप पर हमारा नजरिया साफ है। भारत की एंट्री नॉन-प्रोलिफिरेशन ट्रीटी (NSG) पर साइन के बाद ही हो सकती है।" चीन चाहता है कि एनएसजी के देश नॉन-एनपीटी देशों को लेकर अपना रुख साफ करें। हम ऐसा समाधान चाहेंगे, जो सभी नॉन- एनपीटी देशों पर लागू हो। 4 नवंबर को हैदराबाद में एनएसए अजीत डोभाल और चीन के एनएसए यांग जिसी के बीच इस मुद्दे पर बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला था। इस मीटिंग का हवाला देते हुए कांग ने कहा इस मुद्दे पर हम भारत के साथ लगातार बात कर रहे हैं।
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