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प्रशांत किशोर और नितीश कुमार |
चुनावी रणनीतिकार और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर कहना है कि नीतीश कुमार के बिहार में महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में दोबारा शामिल होने के तरीक़े से वो सहमत नहीं है। उनका मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दोबारा से जनादेश हासिल करना चाहिए थे।
एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार, प्रशांत किशोर ने यह बयान एक साक्षात्कार के दौरान दिया। इससे यह साफ़ हो जाता है कि राजद और कांग्रेस से अलग होकर एनडीए में शामिल होने के नीतीश कुमार के फैसले से वे खुश नहीं है।
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प्रशांत किशोर ने नेताओं का बार-बार पाला बदलने को स्वाभाविक बताते हुए कहा, ‘आप चंद्रबाबू नायडू, नवीन पटनायक और द्रमुक जैसी पार्टियों को देखें. पीछे की ओर देखें तो हमारे पास वीपी सिंह सरकार का भी उदाहरण है। इसे भाजपा और वाम दलों दोनों ने समर्थन दिया था।
नीतीश कुमार के राजद और कांग्रेस गठबंधन से अलग होकर दोबारा भाजपा से हाथ मिलाने पर प्रशांत कहते हैं। जो लोग नीतीश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने की संभावना देखते थे, वे इस कदम से निराश हुए. लेकिन जिन लोगों की यह राय थी कि उन्होंने मोदी से मुकाबला करने के उत्साह में शासन से समझौता करना शुरू कर दिया, वो सही महसूस करेंगे।
जदयू उपाध्यक्ष ने कहा है कि बिहार के हितों को ध्यान में रखते हुए मेरा मानना है कि यह सही था। लेकिन जो तरीका अपनाया गया उससे मैं सहमत नहीं हूं। मैंने ऐसा पहले भी कहा है और मेरी अब भी यह राय है कि भाजपा नीत गठबंधन में लौटने का फैसला करने पर उन्हें आदर्श रूप से नया जनादेश हासिल करना चाहिये था।
वहीं एक अन्य वीडियो में प्रशांत किशोर ने कहा, ‘अगर मैं किसी को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनाने में मदद कर सकता हूं तो बिहार के नौजवानों को मुखिया और एमएलए (विधायक) भी बना सकता हूं।
#WATCH Prashant Kishor, JDU Vice-President: Agar kisi ko main mukhyamantriaurpradhanmantribananemeinmadadkarsaktahun to Bihar kenaujawano ko mukhiya aur MLA bhibanasaktahun. (05-03-19) pic.twitter.com/uR0KwNufAm— ANI (@ANI) March 9, 2019
बता दें कि साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रशांत किशोर ने बतौर चुनावी रणनीतिकार जदयू के लिए काम किया था।
प्रशांत किशोर के बयान पर राजद विधायक और पार्टी की बिहार इकाई के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा, ‘जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का बयान हमारे आरोपों को स्वीकार करने के समान है। नीतीश को महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर जनादेश मिला था, जिसमें राजद और कांग्रेस भी शामिल थी। उनका नए सिरे से जनादेश मांगे बिना राजग में चले जाने का कदम महागठबंधन की पीठ में छुरा घोंपने के समान है।
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प्रशांत के बयान पर विवाद खड़ा होने के बाद जदयू पार्षद और पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, ‘वह राजनीति में अभी नए-नए आए हैं।
बता दें कि प्रशांत किशोर को पिछले साल सितंबर में पार्टी में शामिल किया गया था और कुछ सप्ताह के बाद उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था।
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